Useful of Patent
जींद: चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में डीन अकादमिक अफेयर्स द्वारा यूजफूल ऑफ पेटेंट’ पर एक दिवसी वर्कशॉप ऑडिटोरियम में आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ शंकर दयाल भटनागर, सहायक नियंत्रक पेटेंट, दिल्ली से रहे। कुल सचिव डॉ राजेश बंसल मौजूद रहे तथा कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथि का स्वागत प्रोफेसर एसके सिन्हा ने किया कहा कि पेटेंट व्यक्तियों को उनके बौद्धिक सृजन प्रदान किये जाने वाले अधिकार ही बौद्धिक संपदा अधिकार होता है। वस्तुतः ऐसा समझा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति किसी प्रकार का बौद्धिक सृजन (जैसे साहित्यिक कृति की रचना, शोध, आविष्कार आदि) करता है तो सर्वप्रथम इस पर उसी व्यक्ति का अनन्य अधिकार होना चाहिये।
वही मुख्य अतिथि डॉ शंकर दयाल भटनागर ने अपने उद्बोधन में कहा कि पेटेंट (Patent) एक ऐसा कानूनी अधिकार है जो किसी व्यक्ति या संस्था को किसी विशेष उत्पाद, खोज, डिजाईन, प्रक्रिया या सेवा के ऊपर एकाधिकार देता है जैसे कि जब हम कोई कार्य कर रहे है तो उस समस्या से कैसे निदान मिलेगा, समाज वा देश का किस तरह से समस्या को निवारण कर सकता है। उसे हम पेटेंट करा सकते है। पेटेंट के लिए केवल विचार का होना ही महत्वपूर्ण नहीं होता है टूल तकनीक प्रयोग होना चाहिए, तब ही जाकर आपका विचार का पेटेंट हो सकता है। उद्बोधन को आगे बढ़ाते हुए पेटेंट के प्रकार और पेटेंट कैसे आवेदन करते है, आदि विंदुओं पर विस्तार पूर्वक पेटेंट की जानकारी दी साथ ही प्रतिभागी शोधर्थी प्रश्नों का निदाना किए। कुलगुरु प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने आशीर्वाद व शुभकामनाएं देते कहा कि इस तरह के वर्कशाप होते रहना चाहिए शिक्षक व शोधर्थी के जीवन को विभिन्न आयाम प्रदान करता है। इस अवसर पर सभी शिक्षक और शोधर्थी मौजूद रहे।