National Sports Day
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद खेल परिषद द्वारा मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस पर(29-08-2021) राष्ट्रीय खेल दिवस का 3 चरणों में आयोजन किया गया
पहले चरण मे सुबह 9 बजे हवन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार डॉ राजेश बंसल ने आहुती डाल कर उसका सुबह आरम्भ किया! इस मोके पर डॉ नरेश कुमार , डॉ राकेश, डॉ विजय, डॉ सुनील रोहिल्ला, चेयर पर्सन कुलदीप नारा डिपार्टमेंट फिजिकल एजुकेशन, डॉ जितेंदर कुमार, डॉ प्रवीण ,डॉ नवीन, डॉ सुनीति डॉ रोहित व् संदीप आदि मौजूद रहे!
दूसरे चरण में विद्यार्थियों और विश्व विद्यालय स्टाफ के बीच वॉलीबॉल का मैच कराया गया जिसमें विश्व विद्यालय स्टाफ ने 21-17 से विजय प्राप्त की!
तीसरे चरण में ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक “भारत का ओलंपिक 2020 में प्रदर्शन व् ओलंपिक खेल 2024 में भारत की संभावना” पर प्रकाश डाला गया! इसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ हरेंद्र सिंह कंग प्रिंसिपल गुरुनानक खालसा कॉलेज यमुनानगर से रहे और उन्होंने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए बताया कि खेल के लिए खिलाड़ी को बचपन से लेकर युवा व्यवस्था तक लगातार चिंतन व अभ्यास करने की जरूरत है और कहा कि खिलाड़ियों को जीतने के बाद अवार्ड ना देकर उसकी तैयारी की व्यवस्था में आर्थिक सहायता करनी चाहिए! गांव गांव में खेल नर्सरीया स्थापित करनी चाहिए!
प्रोग्राम के दूसरे मुख्य अतिथि डॉ राकेश मलिक पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए बताया कि जितने भी ऑनलाइन लाइट साइंस है ऑनलाइन साइंस का खेल में प्रदर्शन से जो संबंध है उनको गहन बताया! उन्होंने बताया कि जो संबद्ध विज्ञान भूविज्ञान में है, बायोमैकेनिक्स, शरीर विज्ञान, शरीर विज्ञान और खेल मनोविज्ञान, मानव विज्ञान यह सब विज्ञान है जो किसी ना किसी रूप में खिलाड़ी के खेल पर्दर्शन को परभावित करता है! जो खेल विश्व विद्यालय हैं उनमे इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए जिसे खिलाड़ी का बेहतर विकास होना चाहिये! तब भी भारत वर्ष खेल में महाशक्ति बन सकता है!
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ वीरेंद्र सिंह हुड्डा डायरेक्टर खेल सचिव दीनबंधु विश्वविद्यालय मुरथल रहे ,उन्होंने बताया कि किस प्रकार एनआईएसएन वह साइन भारतवर्ष के उत्थान के लिए अपना योगदान दिया है, ना ई एस व साई ने उनकी स्थापना दिवस पर लगातार नए नए आयाम स्थापित किए है परिषक, परीक्षण खिलाड़ियों के परीक्षण को वैज्ञानिक आधार पर अपनाया गया जिसके परिणाम स्वरूप आज जो परिणाम उपलब्ध है चाहे मीराबाई चानू विजेंद्र बॉक्सर, नीरज चोपड़ा, बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, रवि दहिया आदि खिलाड़ी तैयार किए हैं !
डॉ दलेल सिंह चौहान अर्जुन अवॉर्डी फॉर्मर डायरेक्टर कुरुक्षेत्र ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय भारत के स्पोर्ट्स पर्सन को प्रोत्साहित करने के लिए साइंटिफिक ट्रेनिंग या विज्ञानिक आधारित ट्रेनिंग देने के लिए एक अच्छा प्लेटफार्म है विश्वविद्यालय में खिलाड़ियों पर शोध होना चाहिए! शोध के आधार पर ज्यादा से ज्यादा मेडल भारतवर्ष जीत सकता है! खेलों के क्षेत्र में तो विश्वविद्यालय बहुत आदरणीय रोल अदा कर सकता है ! मेडल सूचि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाने के लिए शोध कार्य आवश्यक है! माइकल फेल्प्स अमेरिका के स्विमर ने 22 मेडल जीते हैं जबकि पूरे भारतवर्ष ने अब तक लगभग इतने ही मेडल जीते हैं तो सारा का सारा जो रोल है वो विज्ञान का है! साइंटिफिक ट्रेनिंग यूनिवर्सिटीज में जो शोध कार्य होते हैं भारतवर्ष में भी सभी यूनिवर्सिटी में खिलाड़ियों पर शोध होने चाहिए! प्रत्येक परदेश में एक खेल विश्वविद्यालय होना चाहिए तभी हम खेलों के क्षेत्र में अग्रणी हो सकते हैं!
इस अवसर पर विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार डॉ राजेश बंसल ने संबोधित करते हुए सभी वक्ताओं का दिल से आभार प्रकट किया व् खिलाडियों को खेल के साथ साथ पढाई पर ध्यान देने का सुझाव दिया! डॉ नरेश कुमार खेल परिषद चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद कि तरफ से सभी को इस प्रोग्राम में सोशल मीडिया के जरिए 600 से अधिक विद्यार्थियों , अध्यापक व् प्रिंसिपल के ऑनलाइन जुड़ने पर धन्यवाद व्यक्त करता है !